Not known Facts About हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे

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जब भी घर में अपने लिए सूप बनाएं, उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर डाल लें। 

अगर दस्त पुराना हो तो एक चम्मच पिसी हल्दी को एक कप छाछ में मिलाकर दिन में दो बार रोगी को पिलाएं इससे पुराना दस्त भी बन्द हो जाता है।

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किसी की मृत्यु के बाद उसके लिये की जाने वाली क्रियायें क्यों महत्वपूर्ण हैं? ये सिर्फ मानसिक सांत्वना के लिये नहीं हैं, बल्कि मानवीय प्रणाली के काम करने के तरीके की एक गहरी समझ की वजह से बनी हैं। सद्‌गुरु समझा रहे हैं कि कैसे मृत्यु के बाद की क्रियायें मृत व्यक्ति और जीवित लोगों के लिये भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

ऐसे में यदि आप खाली पेट सेवन करते हैं तो न केवल बॉडी को डिटॉक्स किया जा सकता है बल्कि स्किन की समस्याओं से राहत मिल सकती है.

• ह्रदय के लिए भी यह फायदेमंद होता है । नसों में होने वाला ब्लॉकेज को यह रोक लेता है ।

पाचन क्रिया खराब होने की वजह से मुँह में छाले हो जाते है। हल्दी में उष्ण गुण होते है। जिससे पाचकाग्नि को ठीक करने में मदद मिलती है। हल्दी मुँह के छालों को जल्द ही ठीक कर देती है।

हल्दी दूध खून को पतला कर देता है जिससे इसका बहाव सुधर जाता है इसलिए ये माइग्रेन और अत्यधिक सरदर्द की समस्या को दूर कर देता है क्योंकि इससे रक्तचाप बेहतर हो जाता है। इसी कारण से माइग्रेन और सरदर्द से ग्रस्त लोग नियमित हल्दी दूध का सेवन करते हैं।

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उत्पन्न करने वाले सेल्स को नष्ट कर देता है जिससे यह शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलता है। कई बार लोगो के’ कैंसर की शुरुआती समय में जांच नहीं हो पाती है जिससे यह बहुत बढ़ जाता है। हल्दी दूध इसे शुरुआत में ही बढ़ने से रोकता है।

यदि आप पेट दर्द से परेशान हैं तो ऐसे में आप शहद में हींग मिलाकर अपनी जीभ पर रखें और उसके ऊपर थोड़ा सा पानी पिएं और सीधा लेट जाएं.

पेट में गैस आदि परेशानियाँ भी पाचकाग्नि के मंद पड़ जाने के कारण होती है जो पाचन तंत्र को भी बिगाड़ देती है। हल्दी में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचकाग्नि को बढ़ा कर पाचन तंत्र को स्वस्थ करने में मदद करती है, जिससे गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है।

प्रश्नकर्ता : जब मैं आश्रम आया, हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे तो सुबह की साधना करने से पहले हमें खाने के लिए नीम और हल्दी के गोलियाँ दी गयीं। इसका क्या महत्व है?

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